उत्तर प्रदेश के जनपद मऊ आरटीओ कार्यालय में कल 12:00 प्रधान संपादक एसएस मिश्रा ने जायजा लिया और कार्यालय में पता किया कि कितने में लर्निंग डी यल बन रहा है और कितना रुपए लग रहा है क्या यहां दलाली हो रही है क्या अधिकारी पैसे ले रहे हैं कितने मे डियल बन रहा है यहां क्या खेल चल रहा है तो खेल में पता चला जब संपादक ने अपनी पहचान छिपाकर अपनी डीयल बनवाई तो पता चला कि ऑनलाइन 350 होता है और ₹100 शुल्क लेते हैं जन सेवा केंद्र वाले उसके बाद लगभग ₹14 00 और लिए जाते हैं मतलब की कुल डीजल बनवाने में 18 00 लगते हैं और दलालों के माध्यम से अधिकारियों तक पैसे पहुंचते हैं जिसमें आरटीओ ऑफिस में कमरा नंबर 12 में बैठे उपाध्याय जी भी पैसा लेते हैं और हर जगह पैसा लगता है ऐसा नहीं है कि सरकार में दलाली नहीं हो रही है बाहर बैठे हुए मारुति वैन में लोग यह लोग ऑनलाइन जितना काम होता है सब यही करते हैं अधिकारियों का अंदर से फोन आता कि इसको भेज रहा हूं देख लेना और आपको बता दें पैसों का बंदरबांट पैसों की उगाही जो बाहर बैठे लोग हैं जो अंदर बैठे अधिकारी हैं इनके मिलीभगत से हो रहा है और जब मैं पड़ताल कर रहा था अंदर से बाहर तक सबसे मिला लेकिन ARTO नहीं मिले लेकिन और जब मैं Ri साहब से मिले तो साहब ने कहा जब आपका ऑनलाइन हो गया है तो टेस्ट देकर आइए आप का तुरंत बनेगा तो साहब ने मेरा डी यल जारी कर दिया और बाहर से प्रिंट करा लीजिए तब मैं बाहर आया और डीजल पर 1 महीने का समय मिला है और फिर जाना है वहां पर और 1100 की जगह 2000 जमा करना है उसके बाद ही स्पीड पोस्ट करके घर आ जाएगा बड़े हैं तो ड्राइवरी लाइसेंस के पड़ताल में यही पता चला कि अधिकारी से लेकर जो बाहर बैठे लोग हैं सभी लोग मिले हुए हैं और इन्हीं के मिलीभगत से घुस भी लिया जाता है दलाली भी होती है और मात्र 4:30 सौ की जगह अट्ठारह सौ लिए जाते हैं और आपको बता दें की संपादक का डी यल मात्र 20 मिनट में बनकर तैयार हो गया तो कहीं न कहीं अधिकारियों की लापरवाही है योगी आदित्यनाथ के सरकार में भ्रष्टाचार हर जगह चरम सीमा पर है और खासतौर से आरटीओ ऑफिस मऊ अब देखना है कि शासन प्रशासन के लोग क्या करते हैं इसकी जांच करते हैं
#upcm #yogiadityanath #dayashankarsingh #parivahanmantriup #dmmau #artomau